रांची, झारखंड: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को रांची में चुनावी रणनीति को मजबूती देने के लिए प्रदेश भाजपा नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इस दौरे का उद्देश्य भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव की रणनीति को सशक्त बनाना है, जिसमें संगठन प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान, और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा भी भाग लेंगे। अमित शाह इन बैठकों के जरिए चुनाव प्रचार अभियान और अब तक की प्रक्रिया की समीक्षा करेंगे।
प्रथम बैठक: संगठन और चुनाव प्रक्रिया पर चर्चा
अमित शाह की पहली बैठक प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रदेश के संगठन प्रभारी, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और हिमंत बिस्व सरमा के साथ होगी। इस बैठक में अब तक की चुनाव प्रक्रिया की समीक्षा होगी। राज्य में चुनाव प्रचार की स्थिति पर भी विचार-विमर्श होगा, जिससे भाजपा अपने प्रचार अभियानों को और अधिक प्रभावी बना सके।
दूसरी बैठक: विधानसभा प्रभारियों के साथ प्रचार अभियान की समीक्षा
अमित शाह की दूसरी बैठक सभी विधानसभा प्रभारियों के साथ होगी। इस बैठक में चुनाव प्रचार अभियान को गति देने और जमीनी स्तर पर भाजपा की पकड़ मजबूत बनाने के विषय पर गहन चर्चा होगी। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और अन्य प्रमुख नेता भी बैठक में मौजूद रहेंगे। अमित शाह चुनाव प्रचार अभियान की समीक्षा कर जीत की नई रणनीति पर जोर देंगे।
अमित शाह की जनसभा और 4 नवंबर को PM मोदी की सभा
रविवार को अमित शाह सिमरिया, बरकट्ठा, और घाटशिला में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभाओं को संबोधित करेंगे। इन जनसभाओं का मुख्य उद्देश्य जनता को भाजपा के पक्ष में मतदान के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके अलावा, 4 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गढ़वा और चाईबासा में भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभाएं करेंगे। अमित शाह के दौरे के दौरान प्रधानमंत्री के आगामी दौरे के प्रबंधों और विधानसभा क्षेत्रों में उनकी सभाओं की योजना भी बनाई जाएगी।
भाजपा के बागी नेताओं को मनाने का प्रयास
असम के मुख्यमंत्री और प्रदेश सह प्रभारी हिमंत बिस्व सरमा ने टिकट न मिलने से नाराज भाजपा नेताओं को मनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने चाईबासा में भाजपा के बागी नेता मंगल सिंह गिलुवा को भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा का समर्थन करने के लिए मनाया और उन्होंने अपना नामांकन भी वापस ले लिया। वहीं, मनोहरपुर के पूर्व विधायक गुरुचरण नायक से भी फोन पर बातचीत कर सरमा ने उन्हें भी समर्थन में आने के लिए राजी किया। इस तरह के प्रयासों से भाजपा को चुनाव में एकजुटता से लड़ने की ताकत मिली है।
भाजपा सांसदों के साथ संभावित बैठक
अमित शाह के दौरे के दौरान पार्टी के सांसदों के साथ भी एक विशेष बैठक की संभावना है, जिसमें उनके क्षेत्र की चुनावी स्थिति पर विमर्श होगा। सांसदों से क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा कर पार्टी के लिए व्यापक रणनीति तैयार की जाएगी।
अमित शाह का यह रांची दौरा भाजपा के चुनावी रणनीति को एक नई दिशा देने का प्रयास है। इन बैठकों और जनसभाओं के माध्यम से भाजपा राज्य में अपने मतदाताओं के बीच एक मजबूत संदेश देने का प्रयास करेगी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की आगामी सभा से पार्टी का मनोबल और भी ऊंचा होगा, जो चुनावी माहौल में भाजपा के पक्ष में हवा को मोड़ने का काम कर सकता है।